DETAILED NOTES ON पारद शिवलिंग के फायदे

Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे

Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे

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स्फटिक शिवलिंग; रंगहीन या सफेद खनिज (स्फटिक) से बनाया जाता है।

पारद शिवलिंग तयार करणे खूप अवघड काम आहे. सर्वात पहिले पारा शुद्ध केला जातो. त्यानंतर विविध औषधी मिसळून द्रवरूप पाऱ्याचे बंधन केले जाते म्हणजे ठोस बनवले जाते.

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पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

पाऱ्यापासून निर्मित शिवलिंगाचे आहे विशेष महत्त्व, केवळ स्पर्शाने मिळते पुण्य

Parad Shivling has the distinctive electrical power to evoke the power of Goddess Saraswati. Little ones are blessed using this energy to choose curiosity in whatever they see and master what is beneficial and discard precisely what is undesirable. Worshiping the ling on Mondays will deliver lot of changes: in provider, prosperity, interactions, wellness mental and Bodily, corrects creating abnormalities – Vaastu Dosha.

योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे महालिंग की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है

त्यावर चंदन पावडर चा लेप करावा, शक्य असेल तर रोज एक बेल read more जरूर ठेवावा , अक्षता अर्पित करावी , आणि तुपाचा दिवा लावून कपूर पेटवून आरती ओवाळावी.

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स्फटिक शिवलिंग को घर में स्थापित करने से भी अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:

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ज्या घरात पारद शिवलिंग वास करते त्या घराशी संबंधित सर्व वास्तुदोष दूर होतात. पारद शिवलिंगाच्या शुभ प्रभावामुळे त्या घरातील लोकांना कोणत्याही प्रकारचे तंत्र-मंत्र किंवा डोळ्यातील दोषांचा त्रास होत नाही. अशी मान्यता आहे.

जब इसमें चांदी मिला दी जाती है तो यह पारद कहला जाता है। पारा आपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। इस समूचे ब्रह्मांड में पारा ही एक ऐसा तत्व है जो धातु है लेकिन तरल रूप में पाया जाता है।

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